Morning Prayer 1¶
The Shloka¶
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कराग्रे वसते लक्ष्मीः
करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तु गोविन्दः
प्रभाते करदर्शनम् ॥
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Karagref vasate Lakshmih, Karamadhye Saraswati.
Karamūle tu Govindah, Prabhāte karadarśanam ॥
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Meaning / Summary¶
यह श्लोक दिन की शुरुआत एक सचेत अभ्यास के साथ करने के महत्व पर जोर देता है। सुबह अपने हाथों को देखने मात्र से, हम अपने जीवन में धन (लक्ष्मी), ज्ञान (सरस्वती), और परमेश्वर (गोविन्द/विष्णु) की दिव्य उपस्थिति का आह्वान करते हैं। यह उन साधनों (हाथों) के लिए आभारी होने की याद दिलाता है जो हमें काम करने, बनाने और स्वयं को बनाए रखने में सक्षम बनाते हैं, और समृद्धि और ज्ञान के लिए आशीर्वाद मांगने की प्रेरणा देता है।
हाथ की उंगलियों के अग्र भाग में लक्ष्मी (धन की देवी) का निवास होता है, हथेली के मध्य भाग में सरस्वती (ज्ञान की देवी) का निवास होता है, और हथेली के निचले भाग (कलाई के पास) में गोविन्द (भगवान विष्णु) का निवास होता है। इसलिए, प्रातःकाल में अपने हाथों का दर्शन करना चाहिए।
यह श्लोक हाथ के विभिन्न भागों में दैवीय उपस्थिति का वर्णन करता है और धन, ज्ञान और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जागने पर अपने हाथों को देखने की सलाह देता है।
यह श्लोक हमें सुबह उठते ही अपने हाथों को देखने का महत्व बताता है। यह एक गहरी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है। श्लोक के अनुसार, हमारे हाथों के विभिन्न हिस्सों में देव शक्तियों का वास होता है। उंगलियों के पोरों पर धन की देवी लक्ष्मी जी का वास है, जो हमें भौतिक समृद्धि प्रदान करती हैं। हथेली के मध्य भाग में ज्ञान की देवी सरस्वती जी विराजमान हैं, जो हमें विद्या, कला और बुद्धि का वरदान देती हैं। और हथेली के निचले हिस्से में, जहाँ से हाथ कलाई से जुड़ता है, वहाँ भगवान विष्णु (जिन्हें गोविन्द भी कहा जाता है) का निवास है, जो सृष्टि के पालनहार हैं और हमें आध्यात्मिक बल और संरक्षण प्रदान करते हैं। इसलिए, जब हम सुबह उठकर अपने हाथों को देखते हैं, तो हम इन तीनों प्रमुख देव शक्तियों का आवाहन करते हैं। यह एक प्रकार की प्रार्थना है कि दिन भर हम जो भी कर्म करें, उसमें धन, ज्ञान और भगवान की कृपा बनी रहे। यह हमें अपने कर्मों के प्रति सचेत रहने और ईश्वर को धन्यवाद देने की प्रेरणा देता है।
This shloka emphasizes the importance of starting the day with a mindful practice. By looking at one’s own hands in the morning, one invokes the divine presence of wealth (Lakshmi), knowledge (Saraswati), and the supreme Lord (Govinda/Vishnu) in their life. It’s a reminder to be grateful for the tools (hands) that allow us to work, create, and sustain ourselves, and to seek blessings for prosperity and wisdom.
In the tip of the fingers resides Lakshmi (Goddess of Wealth), in the middle of the palm resides Saraswati (Goddess of Knowledge), and at the base of the palm resides Govinda (Lord Vishnu). Therefore, one should see their hands in the morning.
The shloka describes the divine presence in different parts of the hand and advises looking at one’s hands upon waking up to invoke blessings for wealth, knowledge, and the divine.
Sentence - 1¶
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कराग्रे वसते लक्ष्मीः
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Meaning¶
हाथ की उंगलियों के अगले पोर पर धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है।
In the palm of the hand resides Lakshmi (goddess of wealth).
Meaning of Words¶
कराग्रे | Karagref | ||
हाथ की उंगलियों के अगले पोर पर | At the tip of the fingers | ||
वसते | vasate | ||
निवास करती हैं / रहती हैं | resides | ||
लक्ष्मीः | Lakshmih | ||
लक्ष्मी (धन की देवी) | Lakshmi (Goddess of Wealth) |
Sentence - 2¶
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करमध्ये सरस्वती ।
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Meaning¶
हथेली के मध्य भाग में ज्ञान की देवी सरस्वती का वास होता है।
In the middle of the palm resides Saraswati (goddess of knowledge).
Meaning of Words¶
करमध्ये | Karamadhye | ||
हाथ के मध्य भाग में / हथेली के बीच में | In the middle of the hand | ||
सरस्वती | Saraswati | ||
सरस्वती (ज्ञान की देवी) | Saraswati (Goddess of Knowledge) |
Sentence - 3¶
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करमूले तु गोविन्दः ।
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Meaning¶
हथेली के निचले हिस्से में भगवान गोविन्द (विष्णु) का वास होता है।
At the base of the palm resides Govinda (Lord Vishnu).
Meaning of Words¶
करमूले | Karamūle | ||
हाथ के निचले हिस्से में / कलाई के पास | At the base of the hand | ||
तु | tu | पर / तो | but/indeed |
गोविन्दः | Govindah | ||
गोविन्द (भगवान विष्णु) | Govinda (Lord Vishnu) | ||
Sentence - 4¶
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प्रभाते करदर्शनम् ॥
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Meaning¶
इसलिए, प्रातःकाल में अपने हाथों को देखना चाहिए।
Therefore, one should see their hands in the morning.
Meaning of Words¶
प्रभाते | Prabhāte | ||
प्रातःकाल में / सुबह-सुबह | In the morning | ||
करदर्शनम् | karadarśanam | ||
हाथ का दर्शन / हाथ को देखना | of the hand |